सिरमौर का जवान आतंकियों से लोहा लेते शहीद, आतंकी मुठभेड़ में पांच जवान शहादत को कुर्बान
डिजिटल सिरमौर
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच शुक्रवार सुबह से चल रही मुठभेड़ में सेना के 5 जवान शहीद हो गए हैं। सुबह तक दो जवानों की शहादत की खबर थी। घायल हुए तीन और जवानों की मौत हो गई हे। इस तरह यह आंकड़ा 5 हो गया। इसी दौरान हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के गिरिपार के शिलाई के 25 वर्षीय जवान प्रमोद नेगी आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए। जानकारी के मुताबिक शुक्रवार सुबह जम्मू कश्मीर के राजौरी सेक्टर में प्रमोद नेगी और अन्य साथियों के साथ कुपवाड़ा में एक सर्च ऑपरेशन में थे।
सर्च ऑपरेशन के दौरान अचानक सेना की मुठभेड़ आतंकियों से हो गई , जिसके चलते शिलाई गांव के प्रमोद नेगी शहीद हो गए। जानकारी के मुताबिक राजौरी में आतंकियों और सेना के बीच मुठभेड़ में पांच जवान शहीद हुए है। इन्ही में सिरमौर के शिलाई के प्रमोद नेगी भी शामिल है। जानकारी के मुताबिक प्रमोद कुमार वर्ष 2017 में 9 पेरा रेजीमेंट में भर्ती हुआ था और पिछले दो सालों से वह भारत की सुरक्षा करने वाली स्पेशल फोर्स ( एसएफ ) में सेवाएं दे रहा था। स्पेशल फोर्स में प्रमोद नेगी को रेड कैप कैप से भी सम्मानित किया गया था , जिसके चलते जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में सेना में तैनात थे।
बताते हैं कि शुक्रवार को सर्च ऑपरेशन के दौरान करीब 11रू00 सेना की आतंकियों से मुठभेड़ हो गई इसी दौरान प्रमोद नेगी को गोली लगी और वह शहीद हो गए। इसकी सूचना परिजनों को सेना की ओर से दी गई है। शिलाई गांव के देवेंद्र नेगी के दोनों ही बेटे आर्मी में सेवारत थे। प्रमोद नेगी का छोटा भाई नितेश नेगी भी वर्ष 2018 में आर्म्ड पंजाब में भर्ती हुआ है। दोनों भाई सेना में देश की सेवाएं कर रहे थे कि आज आतंकियों से लोहा लेते हुए दो भाइयों की जोड़ी बिछड़ गई। प्रमोद नेगी के शहादत की सूचना मिलते ही पूरे गिरिपार क्षेत्र में मातम पसर गया। खासकर देवेंद्र नेगी और उसके परिवार पर मानो पहाड़ टूट गया है , जिनका 25 वर्षीय बेटा शहीद हो गया।
उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि जिस बेटे से वह सुबह बात कर रहे थे उसके चंद घंटों बाद ही उस बेटे के शहादत की सूचना मिलेगी , लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। प्रमोद नेगी की शहादत की सूचना मिलते ही शिलाई गांव में मातम पसर गया है। बताते हैं कि कल दोपहर तक शहीद का पार्थिव शव पैतृक गांव शिलाई पहुंच जाएगा , सैनिक सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार होगा।