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30-40 रुपए किलो मिलने वाली भिंडी, लौकी, तरोई 100 रुपए किलो

30-40 रुपए किलो मिलने वाली भिंडी, लौकी, तरोई 100 रुपए किलो

टमाटर पहुंचा 100 के पार- खाए तो खाए क्या?

सखी सईया तो खूब ही कमात है… महंगाई डायन खाये जात है… पीपली लाइव का यह गाना आज कल हाट-बाजार में लोगों के जुबान पर दिख रहा है। कारण है कि सब्जी की महंगाई। सब्जी की कीमत में ऐसी आग लगी है कि लोग केवल दाम पूछकर वापस लौट आ जा रहे हैं। टमाटर की कीमत तो पहले से ही सातवें आसमान पर है, उसके पीछे-पीछे भिंडी, लौकी (कद्दू), तरोई सहित अन्य हरी सब्जियों की कीमत काफी महंगी है। दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, गुजरात, मुंबई, लखनऊ, पटना सहित देश के लगभग सभी बड़े शहरों में सब्जी की आसमान छूती कीमत से लोगों का मंथली बजट बिगड़ गया है।

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बाढ़ और बारिश के कारण बढ़ी सब्जी की कीमत

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बीते महीनों से सब्जी की कीमत लगातार बढ़ रही है। इसके पीछे की वजह है- बाढ़ और बारिश। बाढ़ और बारिश ने न केवल निचले इलाकों में रहने वाले लोगों की जिंदगी पर असर डाला है बल्कि गगनचुंबी इमारतों में बैठे लोग भी इसकी चपेट में आ चुके हैं और उसकी वजह है बढ़ती महंगाई, सब्जियों, फलों, मसालों, दालों के दाम ने लोगों का जायका और मिजाज बिगाड़ दिया है।

एक महीने में 20-40 फीसदी तक की तेजी

सब्जी कारोबारियों की माने तो बीते एक महीने में ही सभी के दाम 20 से 40 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। ग्रहणियों के बजट पर पूरी तरीके से ग्रहण लग चुका है। दिल्ली एनसीआर में लगातार बीते दिनों हुई तेज बारिश और उसके बाद आई बाढ़ ने यहां पर सबसे ज्यादा प्रभाव सब्जियों की सप्लाई पर डाला है और यमुना और हिंडन के निचले इलाकों में हो रही सब्जी और अन्य चीजों की खेती पूरी तरीके से बर्बाद हो गई है जिसकी वजह से सब्जियों और फलों के दाम आसमान छूने लगे हैं।

ऑनलाइन एप पर भी सब्जियों की कीमत अधिक

बढ़ती महंगाई और दाम से न सिर्फ सब्जी और फल बल्कि किराने की दुकान में रखा सामान भी लोगों की पहुंच से दूर हो गया है। इसके साथ लोगों के घरों में सामान पहुंचाने वाले कई ऐप पर बाहर मिलने वाले सामान से सब्जियों और फलों के दाम काफी ज्यादा दिखाई दे रहे हैं। पहले लोगों को लगता था कि एप पर सामान काफी सस्ता मिल जाता है और आराम से घर तक डिलीवर भी हो जाता है। लेकिन सब्जी और फल के दामों को लेकर एप भी लोगों को धोखा देता दिखाई दे रहा है।

टमाटर की कीमत में पहले के मुकाबले आई गिरावट
दिल्ली एनसीआर में टमाटर 250 रुपए प्रति किलो से लुढ़क कर 100 के आसपास आते दिखाई दे रहा है। लेकिन एप पर यह अभी भी 200 के आसपास बने हुए हैं। अदरक 300 रुपए प्रति किलो से नीचे ही नहीं आ रहा। इसके साथ साथ रोजमर्रा के दिनों में खाई जाने वाली सब्जी तरोई, लौकी, भिंडी, फूल गोभी, शिमला मिर्च, इन सब के दामों में 20 से लेकर 40 फीसद तक बढ़ोतरी हुई है। जिससे यह आम जनता की पहुंच से दूर होती दिखाई दे रही है।

40-50 रुपए प्रति किलो वाली सब्जियां 100 के पार

तरोई जैसी सब्जी जो 40 से 50 रुपए किलो आराम से बिक जाती थी, अब वह 100 तक पहुंच गई है। लौकी 50 पहुंच गई है और भिंडी 60 से 100 प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। अगर आप सब्जियों के ऐप पर इन सब्जियों को खरीदेंगे तो आप पाएंगे कि बाहर लिखे इन रेट से करीब 10 से 20 रुपए ज्यादा ही एप पर चार्ज किए जा रहे हैं।

हिमाचल में सब्जियों की कीमत
हरी सब्जियों के दाम 80 रुपये तक पहुंच गई है। आलू 50, प्याज 42, फूल गोभी 80,शिमला मिर्च 51, टमाटर 76, अदरख 149, लहसुन 200, निम्बू 65,केला 71, अनार 104, पपीता 72, अमरू द 62 किलो बिक रहा है। ऐसे में साफ जाहिर है कि जो सब्जियां मात्र 20 और 30 के आस पास बिकती थी। वह आज 50 और 70 तक बिक रही है। ऐसे में आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दुकानदारों के यहां कोई भी हरी सब्जी 40-50 रुपये किलो से कम नहीं है। टमाटर के दाम में तो कोई नरमी दिख ही नहीं रही है। अभी भी यह 76 से लेकर 80 रुपये के रेंज में ही चल रहा है।

दिल्ली NCR में सब्जियों की कीमत

भिंडी – 100 रुपए प्रति किलो
टमाटर- 120-150 रुपए प्रति किलो
कद्द (लौकी)- 100 रुपए प्रति किलो
बैगन – 80-100 रुपए प्रति किलो
आलू – 30 रुपए प्रति किलो
प्याज – 40 रुपए प्रति किलो

अगस्त तक कीमत कम होने की संभावना

होलसेल सब्जी विक्रेता का कहना है कि अभी तक एनसीआर और उसके आसपास वाले क्षेत्र से हरी सब्जियों की आवक हो रही थी, मगर महंगाई होने के कारण प्रशासनिक अधिकारियों ने मंडी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर दूसरे प्रदेश से सब्जी मंगाने के लिए कहा है। इससे सब्जियों के दाम में अगस्त तक सुधार होने की उम्मीद है। इससे करीब 20 से 30 रुपए तक की गिरावट आ जाएगी।

 

Bhim Singh
Bhim Singhhttps://digitalsirmaur.com
मैं डिजिटल सिरमौर मीडिया का संपादक एवं सस्थापक हूँ। मेरा मीडिया के क्षेत्र में विभिन्न संस्थानों में लगभग 10 सालों का अनुभव न्यूज़ लेखन और समाज के ज्वलंत मुद्दों को उठाने में है। राजनीति, अर्थशास्त्र, अंतरराष्ट्रीय संबंधों, समाजिक मुद्दों, या अन्य विशिष्ट क्षेत्रों में खबरे लिखना पसंद हैं और पाठकों को ताजातरीन घटनाओं और मुद्दों पर स्पष्ट, निष्पक्ष लिखना पसंद है।
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