200 सीटों में 64 ऐसी जहां हर बार बदलता रहा जीत-हार का गणित
प्रदेश में एक बार भाजपा और एक बार कांग्रेस के हाथ सत्ता रहने का क्रम पिछले 30 साल से चल रहा है। कुछ ऐसा ही संयोग प्रदेश की 64 सीटों पर भी देखने को मिल रहा है। इन सीटों पर भाजपा को एक बार हार और एक बार जीत हाथ लगी है।
भाजपा ने इन सीटों के विशेष प्लाङ्क्षनग की है। प्रत्याशी उतारने से लेकर जिताने तक के लिए पार्टी ने प्रवासी विधायकों को जिम्मेदारी दी जा रही है। इन प्रवासी विधायकों को एक बार फिर राजस्थान बुलाया गया है। ये संबंधित सीट पर वार्ड, मंडल और बूथ कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी तय करेंगे, ताकि हर मतदाता तक पकड़ बनाई जा सके। जिन सीट पर प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं, वहां पर मंडल अध्यक्ष और उनकी टीम काम शुरू कर रही है।
सत्ता का रास्ता इन्हीं सीटों से होता साफ
वर्ष 2013 में विधानसभा चुनाव में भाजपा की सत्ता का रास्ता इन 61 सीटों से साफ हुआ था। जब सत्ता रही तब यहां से प्रत्याशी विधायक बने, जबकि तीन सीट पर हार मिली। वर्ष 2018 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2008 में भी ऐसा ही हुआ।
सभी ग्रेड शामिल
इन 61 सीट पर वर्ष 2008 में हारे तो सत्ता गई, वर्ष 2013 में जीते तो सत्तारूढ़ पार्टी बनी। वर्ष 2018 में फिर हार का सामना करना पड़ा। इनमें ए, बी, सी व डी चारों ग्रेड की सीट शामिल है।
इन 61 सीट पर
हार-जीत-हार
2008-2013 -2018
जीत (2008) हार (2013) जीत (2008)
धौलपुर, झाड़ौल, जहाजपुर
#Election #BJP #Congress #MP_Election