नाहन के जमटा में सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम में आए 113 आवेदन, 45 का मौके पर निपटारा
नाहन
नाहन विधानसभा क्षेत्र की नावनी जमटा ग्राम पंचायत में आज सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। राजस्व, बागवानी व जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। इस दौरान विभिन्न ग्राम पंचायतों से आए लोगों ने मंत्री के समक्ष कुल 113 आवेदन प्रस्तुत किए जिनमें 80 मांगे व 33 समस्याएं थी। 45 मांगों व समस्याओं का मौके पर निराकरण किया गया, जबकि शेष को संबंधित विभागों को समयबद्ध निवारण के लिए अग्रेषित किया गया।
इस अवसर पर संबोधित करते हुए जगत सिंह नेगी ने कहा कि सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम प्रदेश के लोगों को उनकी समस्याओं का समाधान घर द्वार के समीप करने का एक बेहतर माध्यम हैं जहां आम लोगों का सरकार से सीधा संवाद स्थापित होता है। कार्यक्रम के माध्यम से सरकार को आम जनमानस को मिल रहा सरकारी योजनाओं के लाभ की स्टीक फीडबैक भी प्राप्त होती है। उन्होंने कहा कि सुदूर गांव के लोगों को जब अपने छोटे-छोटे कार्यों को करवाने के लिये जिला अथवा उपमण्डल मुख्यालयों में जाना पड़ता है, तो उनका समय और धन बर्बाद होता है। कई बार उनका काम न होने से लोगों में एक निराशा का भी माहौल उत्पन्न होता है। इन सभी पहलूओं को ध्यान में रखते हुए आम लोगों को न्याय प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस महत्वाकांक्षी कार्यक्रम की शुरूआत की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी 68 विधानसभाओं में प्रथम चरण में यह कार्यक्रम जल्द सम्पन्न होगा और भविष्य में भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश मंत्रिमंडल के सभी सदस्य व स्वयं मुख्यमंत्री इन कार्यक्रमों में जाकर लोगों की समस्याएं सुन रहे हैं।
राजस्व मंत्री ने कहा कि सरकार गांव के द्वार कार्यक्रमों में बहुत से मामले राहत राशि प्रदान करने के आ रहे हैैं। उन्होंने जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि राहत राशि प्रदान करने में किसी प्रकार का विलंब नहीं होना चाहिए। सरकार के पास आपदा प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिये धन की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि 4500 करोड़ रुपये का विशेष राहत पैकेज आपदा प्रभावित परिवारों को प्रदान करने के लिये जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के हितों की अनदेखी की है। अगस्त माह में केवल 200 रुपये की राशि आपदा के नाम पर दी थी और दूसरी बार 446 करोड़ की राशि जारी की जो नाममात्र की थी। हिमाचल प्रदेश में लगभग 500 लोगों ने बहुमूल्य जिंदगियां गवाई। सरकारी व निजी परिसम्पतियों को 12000 करोउ़ रुपये का नुकसान पहुंचा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने आपदा के दौरान जिस साहस के साथ जनजातीय जिलों में बर्फ में फंसे सैकड़ो सैलानियों को सुरक्षित निकाला, उसकी सराहना अंतर्राष्ट्रीय स्तर की की गई।
जगत सिंह नेगी ने कहा कि हमारी सरकार ने राहत मैनुअल में संशोधन करके मुआवजा राशि को कई गुणा बढ़ाया। मकान बनाने के लिए मुआवजा 1.30 लाख रुपए से बढ़ाकर 7 लख रुपए किया गया है। राहत मैनुअल में इतना बड़ा बदलाव पहले कभी नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने पहले ही कैबिनेट में कर्मचारियों की पुरानी पेंशन को बहाल किया और इसके लिए पहले ही बजट में 1000 करोड़ का प्रावधान किया। उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार ने 2003 से कर्मचारियों की पेंशन को बंद कर दिया था।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में इसी वित्तीय वर्ष में सरकार ने 20 हजार पदों को भरने की स्वीकृति प्रदान की है जिन्हें भरने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग में कांस्टेबलों के 1200 पद भरे जा रहे हैं जिनमें 30 प्रतिशत पद महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। शिक्षा विभाग में अध्यापकों के 6000 पद भरे जा रहे हैं, राजस्व विभाग में पटवारी कानूनगो के 900 पद भरे जा रहे हैं। इसी प्रकार पेयजल वितरण की समस्या का समाधान करने के लिए जल शक्ति विभाग में 10,000 पदों को भरा जा रहा है जबकि वन रक्षकों के 2600 पद भरे जा रहे हैं।
सरकार गांव के द्वारा कार्यक्रम में विभिन्न विभागों ने प्रदर्शनियां लगाई जिनमें विभागीय योजनाओं की जानकारी के अलावा विभिन्न विभागों के उत्पादों को प्रदर्शित किया गया। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के कलाकारों ने संगीत के माध्यम से लोगों को सरकार की नीतियों के बारे में जानकारी दी और उनका मनोरंजन किया। कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग तथा आयुष विभाग द्वारा निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का भी आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न विशेषज्ञ चिकित्सक उपस्थित रहे। शिविर के दौरान कुल 126 लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गई। राजस्व विभाग द्वारा इस अवसर पर विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्र भी बनाए गए।
स्थानीय विधायक अजय सोलंकी ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखें। उन्होंने लोगों से ग्राम सभा की बैठकों में जाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सरकार की अनेक ऐसी योजनाएं हैं जिनका लाभ लोग उठा सकते हैं। इन सभी योजनाओं को ग्राम पंचायत के माध्यम से भी अग्रेषित किया जा सकता है। उन्होंने अधिकांश कार्यों को मनरेगा में करवाने के लिये पंचायत प्रतिनिधियों से अपील की।
उपायुक्त सिरमौर, सुमित खिमटा, पुलिस अधीक्षक रमण कुमार मीणा, एसडीएम रजनेश, ब्लाॅक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ज्ञान चैधरी, कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी, तथा पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी व आम लोग कार्यक्रम में उपस्थित रहे।