चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्री के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने उठाए हिमाचल के मुद्दे
Cabinet Meeting-हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज चंडीगढ़ स्थित हिमाचल भवन में केंद्रीय आवास एवं शहरी मामले मंत्री मनोहर लाल के साथ बैठक की। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश के लिए कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया और केंद्र सरकार से विशेष मापदंड अपनाने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने अटल नवीकरण एवं शहरी परिवहन मिशन (अमृत) योजना के तहत परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए हिमाचल प्रदेश जैसे कठिन भौगोलिक पहाड़ी राज्य के लिए अलग मापदंड अपनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि वर्तमान में परियोजनाएं जनसंख्या के आधार पर स्वीकृत की जाती हैं, जो हिमाचल प्रदेश के लिए उपयुक्त नहीं है। इसलिए इस योजना के तहत अधिकतम लाभ उठाने के लिए मापदंडों में ढील देने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों की समय-समय पर समीक्षा की भी मांग की, क्योंकि परियोजनाओं की लागत समय के साथ बढ़ती रहती है। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना-1 के अंतर्गत धनराशि के पूर्ण उपयोग के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना-2 के लिए धनराशि की प्राप्ति का भी उल्लेख किया।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में प्लास्टिक के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध और इसके ठोस परिणामों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पंचायतों और गैर-सरकारी संगठनों ने प्लास्टिक के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
विकास कार्यों को गति प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से टेंडर नीति प्रणाली में संशोधन कर टेंडर अवधि को 60 दिन से घटाकर 10 दिन करने का आग्रह किया। उन्होंने केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय से स्पीति जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में बर्फबारी और प्रतिकूल मौसम के कारण होने वाली कठिनाइयों को कम करने के लिए बैटरी बैकअप के साथ एक मेगावाट सौर प्रणाली की अनुमति देने का भी अनुरोध किया।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने अम्रुत योजना में विशेष मापदंड अपनाने और सौर ऊर्जा प्रणाली की मंजूरी की मांग की
बैठक में बताया गया कि हिमाचल प्रदेश के स्वच्छ शहरों को सफाई मित्र सुरक्षित शहर घोषित किया जा सकता है, जिससे स्वच्छता प्रयासों को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से अतिरिक्त धनराशि मिल सकेगी।
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने हिमाचल प्रदेश के प्रदर्शन की प्रशंसा की और केंद्र सरकार से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने शिमला के निकट जाठिया देवी में नया शहर विकसित करने के प्रस्ताव पर भी चर्चा की और नगर निगमों में ठोस कचरा प्रबंधन संयंत्र स्थापित करने की संभावना पर विचार किया।
ऊर्जा मंत्रालय के कार्यों की समीक्षा करते हुए केंद्रीय मंत्री ने राज्य को बिजली उत्पादन बढ़ाने का सुझाव दिया, क्योंकि राज्य में जल स्रोत प्रचूर मात्रा में हैं। उन्होंने कहा कि राज्य को जल विद्युत ऊर्जा का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करना चाहिए।
इस बैठक में शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह, अतिरिक्त सचिव आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय सतिंदर पाल सिंह, निदेशक अमृत गुरजीत सिंह ढिल्लों, प्रधान सचिव शहरी विकास देवेश कुमार, निदेशक गोपाल चंद और केंद्रीय मंत्रालय तथा राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।