International Fair:अंतरराष्ट्रीय रेणुका जी मेला न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक और पर्यटन के लिहाज से हिमाचल प्रदेश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हर साल लाखों श्रद्धालु और पर्यटक यहाँ पहुंचते हैं, जिनमें से कई तो दूर-दूर से आते हैं। मेले का मुख्य आकर्षण भगवान परशुराम का अपनी माँ रेणुका जी से मिलने का प्रतीकात्मक आयोजन है, जो सभी श्रद्धालुओं में अद्वितीय भावना उत्पन्न करता है। साथ ही, यहां स्थित हिमाचल की सबसे बड़ी प्राकृतिक झील और पहाड़ों से घिरी हुई सुंदरता इस स्थान को और भी खास बनाती है।
लेकिन दुर्भाग्यवश, इतने महत्वपूर्ण स्थल की स्थिति पर सरकार का ध्यान नहीं है। क्षेत्र के मुख्य रास्तों की हालत बेहद खराब है। मेले तक पहुँचने का मुख्य मार्ग, जिसमें sataun सड़क से जाने वाले 40 किलोमीटर का रास्ता शामिल है, बेहद खराब अवस्था में है—इस सड़क पर धूल, गड्ढे और कच्ची सड़कों की भरमार है। ऐसे स्थान पर अच्छी कनेक्टिविटी और बुनियादी सुविधाओं का होना अति आवश्यक है, लेकिन संबंधित विभागों का ध्यान इस पर नहीं गया है।
स्थानीय प्रशासन का कहना है कि PWD विभाग ही सड़क की हालत पर अधिक जानकारी दे सकता है, लेकिन सवाल उठता है कि इतने सालों से चल रहे मेले और क्षेत्र के पर्यटन महत्व को देखते हुए यह काम अभी तक क्यों नहीं किया गया है। क्षेत्रीय नेता और उच्च अधिकारी यहां से आते हैं, लेकिन इसके बावजूद सुविधाओं का अभाव चिंताजनक है।
यात्रा के दौरान पर्यटकों का नकारात्मक अनुभव यह दर्शाता है कि यदि सड़कों की हालत नहीं सुधारी गई, तो भविष्य में पर्यटन और श्रद्धालुओं की संख्या पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।