Fair:हिमाचल प्रदेश के पावन तीर्थ स्थल रेणुका जी में वार्षिक मेले की शुरुआत हो चुकी है। इस बार राज्य सरकार का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र के इकोसिस्टम को विकसित कर इसे वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाना है। केंद्र और अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय संवाद स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि रेणुका जी क्षेत्र में सतत विकास और सांस्कृतिक संरक्षण को बढ़ावा मिल सके।
आज के दिन अंतरराष्ट्रीय विश्व हिंदू परिषद के मठ मंदिर हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष पंडित अनमोल रतन शर्मा जी ने मेले के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की। भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में पंडित अनमोल रतन शर्मा ने सभी से अपनी सांस्कृतिक धरोहर को बचाए रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आर्थिक प्रगति के साथ-साथ अपनी संस्कृति और परंपराओं को सहेजना अति आवश्यक है। उनका कहना था कि विकास के पथ पर चलते हुए अपनी सांस्कृतिक पहचान को सुरक्षित रखना हम सभी का कर्तव्य है।
कार्यक्रम में रुद्राष्टक के पाठ का आयोजन भी किया गया, जो सनातन संस्कृति के प्रचार और उसकी महत्ता को दर्शाता है। इस पाठ ने श्रोताओं के दिलों में भक्ति और सांस्कृतिक गर्व की भावना का संचार किया। पंडित अनमोल रतन शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि विश्व हिंदू परिषद हमेशा से विकास के साथ-साथ सांस्कृतिक जड़ों को संरक्षित करने का पक्षधर रहा है।
रेणुका जी का यह मेला न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह एक ऐसा मंच है जहाँ क्षेत्र के इकोसिस्टम के विकास और संस्कृति के संरक्षण को प्राथमिकता दी जाती है। राज्य सरकार और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के सहयोग से रेणुका जी क्षेत्र को एक मॉडल के रूप में विकसित करने के प्रयास किए जा रहे हैं, जहाँ परंपरा और आधुनिकता का संतुलन बना रहे।
इस प्रकार का आयोजन न केवल हिमाचल प्रदेश बल्कि संपूर्ण भारत की सांस्कृतिक धरोहर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में सहायक हो सकता है।