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त्याग, संघर्ष, समानता और ज्ञान के प्रतीक बाबा साहेब अंबेडकर

त्याग, संघर्ष, समानता और ज्ञान के प्रतीक बाबा साहेब अंबेडकर
132वीं जंयती को चौहानडांडी गाॅव में हर्षोल्लास मनाया गया
डिजिटल सिरमौर/राजपुर

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गिरीपार अनुसुचित जाति अधिकार संरक्षण समिति जिला सिरमौर की पांवटा इकाई द्वारा बाबा साहेब डॉ भीम राव अंबेडकर की 132वीं जयंती गिरिपार के चौहानडांडी गांव में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। सर्वप्रथम कन्या द्वारा बाबा साहेब को पुष्पांजलि अर्पित की गई। इसके बाद छात्र-छात्राओं, महिला शक्ति तथा उपस्थित पुरुषों द्वारा पुष्पांजलि अर्पित की गई।

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बाबा साहेब के जीवन संघर्ष के बारे में खेम सिंह ने अपने विचारों को सांझाा किया। उन्होंने बताया कि बाबा साहेब को स्कूल में पढ़ने के लिए अन्य छात्रों से अलग बैठाया जाता था। फिर भी उन्होंने अपनी मेहनत के बल पर 9 भाषाओं व 32 डिग्रियां हासिल की और बाद में मजदूरों महिलाओं और दलितों को उनके अधिकार दिलाए। इसके बाद दसवीं की छात्रा वंशिका चैहान द्वारा बाबा साहेब के जीवन परिचय पर अपना भाषण प्रस्तुत किया।

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पूर्व जिला परिषद सदस्य बाल किशन द्वारा बाबा साहेब की बारे में बताया कि उन्हंे महाराष्ट्र में सरकार द्वारा संरक्षित बाबा साहेब के घर को देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

अनिल चौहान द्वारा बताया गया कि बाबा साहेब की लगन और मेहनत को देखते हुए कल्हापुर के महाराजा शाहू महाराज ने अंबेडकर को विदेश में पढ़ने के लिए छात्रवृत्ति प्रदान की। बाबा साहेब कोलंबिया विश्वविद्यालय में पढ़े और अनेक डिग्रियां प्राप्त की। भारत आकर उन्होंने दलितों, महिलाओं और जरूरतमंद लोगों के अधिकारों के लिए काम किया और उन्हें अधिकार दिलाए। श्री चौहान द्वारा छात्रों को संदेश में कहा कि बच्चों को बाबा साहेब से प्रेरणा लेते हुए खूब पढ़ाई करनी चाहिए ताकि कोई भी स्टूडेंट शिक्षा से वंचित न रहे क्योंकि बाबा साहेब ने कहा है कि शिक्षा शेरनी का दूध है, जो पिएगा वो दहाड़ेगा। अपने अधिकार प्राप्त करेगा।

उन्होंने अच्छी शिक्षा, अच्छा खान पान और अच्छा पहनावा अपनाने की अपील की। उन्होंने अमेरिका और अफ्रीका के अश्वेत लोगों का उदाहरण देते हुए कहा की अश्वेत लोगों की तरह दलितों को भी अपने संस्थान, अपना मीडिया और अपने बहुजन चिंतक खड़े करने चाहिए और उनका तन मन धन से सहयोग करना चाहिए।

गिरिपार अनूसूचित जाति अधिकार संरक्षण समिति, उपमंडल पांवटा साहिब इकाई के अध्यक्ष गीता राम पुंडीर द्वारा लोगों को संबोधित किया गया। उन्होंने बाबा साहेब को याद करते हुए संगठित रहने की अपील की। लोगों को समिति के अब तक के कार्य से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि आप सभी लोगों के एकजुट रहने से हमने अभी तक अपने अधिकारों को बचाया। आगे भी लड़ाई जारी रहेगी चाहे हमें सुप्रीम कोर्ट तक की लड़ाई ही क्यों न लड़नी पड़े। हम अपने अधिकारों को किसी भी कीमत पर सुरक्षित रखेंगे, यही समिति का एकमात्र उद्देश्य है। उन्होंने समिति की पूरी टीम की तरफ से लोगों के भरपूर सहयोग के लिए उनका का धन्यवाद किया और उनसे आगे भी तन मन और धन से सहयोग करने की अपील की।

इस जयंती समारोह के अवसर पर समिति अध्यक्ष गीता राम पुंडीर, उपाध्यक्ष बलबीर सिंह, कोषाध्यक्ष मुकेश कुमार, भीम सिंह, लायक राम, खेम सिंह, धर्म सिंह उपप्रधान ग्राम पंचायत अम्बोया, पूर्व जिला परिषद सदस्य बालकिशन, लायक राम, राम लाल, सिंघा राम, गगन कुमार, सीता देवी, बबिता, कांति, लीला देवी, वंशिका चौहान, सारांश, अक्षय, जमन लाल, कुंदन सिंह ग्राम पंचायत शिवा, तुलसी राम पंचायत बढ़ाना, सुशील, रमेश, धर्म सिंह इत्यादि सैंकड़ों लोग उपस्थित रहे।

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