Awareness:अम्बोया: अंतरराष्ट्रीय ओज़ोन दिवस के अवसर पर राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अम्बोया में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों को ओज़ोन परत के संरक्षण के महत्व के बारे में जागरूक किया गया। इस मौके पर विद्यालय प्रधानाचार्य ने छात्रों को ओज़ोन परत के क्षरण और उसके प्रभावों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी।
प्रधानाचार्य ने अपने संबोधन में बताया कि ओज़ोन परत पृथ्वी की सुरक्षा कवच के रूप में काम करती है, जो सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से हमारी रक्षा करती है। अगर यह परत क्षतिग्रस्त होती है, तो इसका असर पृथ्वी पर जीवन के लिए गंभीर हो सकता है। उन्होंने कहा कि ओज़ोन परत के क्षरण का सबसे बड़ा कारण क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFCs) और अन्य हानिकारक रसायनों का इस्तेमाल है, जो एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर और कुछ औद्योगिक प्रक्रियाओं में उपयोग किए जाते हैं। इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सभी को ओज़ोन परत को बचाने के लिए सामूहिक प्रयास करने होंगे।
प्रधानाचार्य ने छात्रों को यह भी जानकारी दी कि 16 सितंबर को हर साल अंतरराष्ट्रीय ओज़ोन दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर ओज़ोन परत के संरक्षण की आवश्यकता के प्रति जागरूकता फैलाना है। उन्होंने बताया कि 1987 में हुए मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के तहत विभिन्न देशों ने ओज़ोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले रसायनों के उत्पादन और उपयोग को सीमित करने पर सहमति व्यक्त की थी। यह एक महत्वपूर्ण कदम था, जिससे ओज़ोन परत के पुनः निर्माण में मदद मिली है।
कार्यक्रम में पर्यावरण विज्ञान के शिक्षक ने भी छात्रों को ओज़ोन परत की संरचना और इसके महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ओज़ोन परत पृथ्वी के वायुमंडल के स्ट्रैटोस्फीयर में स्थित होती है और इसका मुख्य कार्य सूर्य की पराबैंगनी (UV) किरणों को अवशोषित करना है। अगर यह किरणें बिना किसी रुकावट के पृथ्वी पर पहुँचें, तो यह त्वचा कैंसर, आंखों की समस्याओं और फसलों पर बुरा प्रभाव डाल सकती हैं।
छात्रों के साथ एक संवाद सत्र का भी आयोजन किया गया, जिसमें उन्हें ओज़ोन परत से जुड़े विभिन्न सवाल पूछने का मौका मिला। इस दौरान छात्रों ने ओज़ोन क्षरण के कारणों, मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल की प्रगति, और व्यक्तिगत स्तर पर ओज़ोन परत की रक्षा के लिए किए जाने वाले उपायों पर चर्चा की।
विद्यालय के पर्यावरण क्लब के सदस्यों ने इस अवसर पर एक नुक्कड़ नाटक भी प्रस्तुत किया, जिसमें उन्होंने ओज़ोन परत के नुकसान के खतरों और उसे बचाने के उपायों को रचनात्मक तरीके से प्रस्तुत किया। छात्रों ने इस नाटक के माध्यम से यह संदेश दिया कि हमें अपने दैनिक जीवन में छोटे-छोटे कदम उठाकर ओज़ोन परत की रक्षा करनी चाहिए, जैसे कि CFCs मुक्त उत्पादों का उपयोग करना, पौधारोपण करना और जागरूकता फैलाना।
कार्यक्रम का समापन प्रधानाचार्य के आह्वान के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने सभी छात्रों और शिक्षकों से अपील की कि वे पर्यावरण के प्रति सजग रहें और ओज़ोन परत की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करें। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे कार्यक्रम न केवल छात्रों के ज्ञान को बढ़ाते हैं, बल्कि उन्हें पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी का एहसास भी कराते हैं।
ओज़ोन परत का संरक्षण हम सभी की जिम्मेदारी है, और यदि हम आज कदम नहीं उठाते, तो भविष्य की पीढ़ियों को इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे,”* प्रधानाचार्य ने अपने संदेश में कहा।
विद्यालय के छात्रों ने इस कार्यक्रम से न केवल ओज़ोन परत के महत्व को समझा, बल्कि यह भी सीखा कि किस प्रकार वे अपने रोज़मर्रा के जीवन में छोटे-छोटे बदलाव कर पृथ्वी को सुरक्षित रखने में अपना योगदान दे सकते हैं।