मेयर चुनाव में हुई लोकतंत्र की हत्या, चुनाव अधिकारी ने खराब किए बैलेट पेपर-मुख्य न्यायाधीश
चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर सोमवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव अधिकारी अनिल मसीह को फटकार लगाई। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह स्पष्ट है कि उन्होंने (चुनाव अधिकारी) बैलेट पेपरों को डिफेस्ड (खराब) किया। क्या वह इसी तरह चुनाव आयोजित करते हैं? यह लोकतंत्र का मजाक है। यह लोकतंत्र की हत्या है। इस अफसर पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि मेयर चुनाव के पूरे रिकार्ड को जब्त कर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट रजिस्ट्रार जनरल के पास रखा जाए। बैलेट पेपर और वीडियोग्राफी को संभालकर रखा जाए। इसके साथ कोर्ट ने निर्देश दिया कि चंडीगढ़ निगम की आगामी बैठक स्थगित रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रशासन को हमारी चेतना को संतुष्ट करना होगा, नहीं तो नए सिरे से चुनाव कराने होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने मेयर चुनाव के चुनाव अधिकारी अनिल मसीह को कहा है कि वह 19 फरवरी को सुनवाई में मौजूद रहें। चुनाव अधिकारी सुप्रीम कोर्ट को वीडियो में दिख रही अपनी कारगुजारी पर जवाब दें।
गौरतलब है कि इंडिया यानी आप और कांग्रेस के संयुक्त कैंडिडेट कुलदीप कुमार ने यह याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने भाजपा के नए चुने मेयर मनोज सोनकर को हटाकर दोबारा चुनाव कराने की मांग की गई है। याचिका में दलील दी गई कि चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने वोटों की गिनती में हेराफेरी की है। उनकी तरफ से कांग्रेस नेता और सीनियर वकील अभिषेक मनु सिंघवी दलीलें रखीं। उधर, भाजपा के नए चुने मेयर मनोज सोनकर ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की है। इसमें कहा है कि कुलदीप की याचिका पर कोई फैसला लेने से पहले उनकी बात भी सुनी जाए। उनकी तरफ से पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. सुषमा स्वराज की बेटी बांसुरी भारद्वाज दलीलें रखेंगी।