पर्यावरण और जनता की सलामती के लिए प्रदेश सरकार हर परिवार को पौधारोपण करें अनिवार्य
हेमराज राणा सिरमौर
अनेकों वर्षों से जो विपरीत परिस्थितियां उत्पन्न हो रही है, वह किसी से छिपी नहीं है,जिन विपरीत परिस्थितियों ने मानों मनुष्य और पशु पक्षिओं का जीना दुश्वार कर दिया है।तो वहीं इन तमाम विपरीत परिस्थितियों के लिए अगर कोई जिम्मेवार है तो कोई और नहीं इसके जिम्मेदार भी शाय़द हम आप ही है साथियों हम आज आप सभी के समक्ष जिस गंभीर समस्या एवं परिस्थितियों के बारे में चर्चा एवं विश्लेषण करना चाहा रहे हैं, वह है दिन प्रतिदिन पर्यावरण का विपरित होना और तापमान का बढ़ता स्तर,जिसका आभास आज हर व्यक्ति को हो रहा है।
जिसमें सबसे ज्यादा अगर कोई क्षेत्र प्रभावित हो रहा है तो वह है हिमाचल प्रदेश के मैदानी इलाकों में बढ़ता तापमान,जहां मानों तापमान 45 डिग्री से 50 डिग्री तक पहुंच रहा है। जहां मानों तापमान आग उगल रहा है।इन सभी परिस्थितियों के लिए जनता खुद भी कही हद तक जिम्मेदार है, क्योंकि जैसा देखा जाता है कि गांव से दिन प्रतिदिन शहरों की और पलायन हो रहा है,जिन शहरों में कुछ बचें खुचे पेड़ है वह भी काटे जा रहे, परन्तु हम उन क्षेत्रों में पौधे लगाने से गुरेज कर रहे हैं या फिर अपने भविष्य से ही मानों खिलवाड़ कर रहे हैं। तो वहीं विभिन्न क्षेत्रों में उधोग स्थापित होने से भी तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिल रही हैं,
वहीं आज हर घर में सुख सुविधा के लिए वाहन उपलब्ध है, जिन वाहनों से वातावरण दूषित हो रहा है। तो वहीं अब हम आप पंखे,कुलर और एसी पर आश्रित हो रहें हैं। परन्तु साथियों अगर यही हाल भविष्य में भी रहा तो मनुष्य का जीना दुश्वार हो जाएगा।आज अगर सबसे बड़ी जरूरत और मांग बन रही है तो वह है कि हिमाचल प्रदेश सरकार विधानसभा में नीति निर्धारित करें कि हर व्यक्ति या हर परिवार इतनी समय अवधि में इतने पेड़ पौधे लगाएंगे,जिसकी जबावदेही सम्बन्धित विभाग वन विभाग समय-समय पर पारदर्शिता के साथ सुनिश्चित करवाएं।
वर्तमान में जो तापमान बढ़ रहा है। उसका असर अब हिमाचल प्रदेश के गांवों में भी देखने को मिलता है। जहां लोगों ने अपने निजी स्वार्थ और विभिन्न उद्देश्य के लिए जंगलों से सैकड़ों पेड़ को नष्ट कर रहे हैं। तो वहीं उनकी जगह पौधें लगाने के लिए कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जाती है।जो बहुत ही दुखद और चिंतनीय विषय है।इस प्रकार अगर प्रदेश सरकार पौधे लगाना अनिवार्य करतीं हैं, तो हिमाचल प्रदेश निश्चित तौर पर ऐसा पहला प्रदेश माना जाएगा,
जहां पौधे लगाने अनिवार्य किए गए हैं और यह अन्य प्रदेशों के लिए भी कदाचित अनुकरणीय पहल मानी जाएगी।इसलिए आज हिमाचल प्रदेश सरकार और माननीय मुख्यमंत्री जी से जनहित में निवेदन और मांग रहेगी कि हिमाचल प्रदेश में हर व्यक्ति और हर परिवार को पौधें लगाना अनिवार्य करें, ताकि हम पौधे लगाना अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बनाएं, तो साथ ही सरकार के आदेशानुसार और नियमों के अनुसार हर युवा,हर बच्चा और हर व्यक्ति पौधे लगाने के लिए कृतसंकल्प रहे। अन्यथा सुझाव और सलाह से आज के परिप्रेक्ष्य में समाज में पौधे लगाने के प्रयास मानों नाकाफी साबित हो रहें हैं। क्योंकि आज हम सभी प्रदेश वासियों को इस बात को सुनिश्चित करना पड़ेगा कि अगर हमें भविष्य में शुद्ध हवा शुद्ध वातावरण और उचित आक्सीजन चाहिए तो पौधे को बरसात के मौसम और साल भर लगाने के भरसक प्रयास होने चाहिए।
अन्यथा जिस प्रकार हर वर्ष तापमान बढ़ता जा रहा है और ग्लेशियर पिघल रहे हैं तो वहीं पानी के स्त्रोत सूख रहे हैं, ये सब विपरीत परिस्थितियां हम सभी और पशु पक्षिओं के लिए मानों काल बनकर उभर चुकी है। तो वही आजकल हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जगलो में आग लगने की खबरें आए दिन देखने एवं सुनने को मिलती हैं, जहां पशु पक्षिओं और लोगों को रहना मुश्किल हो रहा है। तो वही हरे हरे जंगल नष्ट होने से मानों जनता को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। आज हम सभी युवाओं और समाज को जागृत और सकारात्मक क़दम उठाने की परम् आवश्यकता भी बनी हुई है।तथा जिस हरियाली,घने जंगलों और खुशहाली के लिए देव भूमि हिमाचल प्रदेश को जाना जाता है, उस प्रदेश की सलामती के लिए प्रदेश सरकार को भविष्य में कड़े फैसले और नीति बनाने की भी मानों आज सख्त जरूरत बन चुकी है।
प्रदेश सरकार इस गंभीर विषय की और विशेष ध्यान देती है तो। मैदानी इलाकों में आएं दिन गर्मीयों से लोगों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो वहीं अनेकों क्षेत्रों में पानी की समस्या से भी जूझना पड़ रहा है। इसलिए अगर सरकार हर व्यक्ति और हर परिवार को पेड़ पौधे लगाने सुनिश्चित करवाते हैं तो भविष्य में निश्चित तौर पर हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी प्रदेश में फिर से भरपूर मात्रा में हरियाली, वातानुकूलित तापमान, और पानी भी भरपूर मात्रा में उपलब्ध हो सकती है।