Gurudwara:सिख धर्म के पहले गुरु, श्री गुरु नानक देव जी के 555वें प्रकटोत्सव के उपलक्ष्य में हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब गुरुद्वारा में तीन दिवसीय प्रकाश उत्सव का आयोजन किया गया। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की ओर से आयोजित इस उत्सव में सिख समाज की संगत ने श्रद्धा व उत्साह के साथ भाग लिया।
वीरवार को इस अवसर पर एक भव्य नगर कीर्तन का आयोजन हुआ, जिसमें श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। पंज प्यारे के नेतृत्व में निकाले गए नगर कीर्तन ने पांवटा साहिब के विभिन्न मार्गों से होकर गुजरा। इस धार्मिक जुलूस में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली समेत कई राज्यों से आई संगतों ने भाग लिया। कीर्तन में शामिल श्रद्धालुओं ने गुरबाणी का उच्चारण कर वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
नगर कीर्तन के दौरान गतका दल के योद्धाओं ने पारंपरिक शस्त्र विद्या का प्रदर्शन कर लोगों को आकर्षित किया। गतका दल ने तलवारबाजी, भाले और ढाल जैसे पारंपरिक हथियारों के कौशल से वीरता का संदेश दिया, जो कि सिख संस्कृति का एक अभिन्न अंग है। दर्शक इस प्रदर्शन से काफी प्रभावित हुए और इसे बड़े उत्साह के साथ देखा।
गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के पूर्व उपप्रधान हरभजन सिंह, प्रबंधक जगीर सिंह और गुरमीत सिंह ने बताया कि इस वर्ष के प्रकाश उत्सव में देश के विभिन्न राज्यों से आई संगतों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। उन्होंने बताया कि पांवटा साहिब गुरुद्वारा का इतिहास भी गुरु गोबिंद सिंह जी से जुड़ा हुआ है, जो यहां कुछ समय के लिए रहे थे। संगतों ने इस पवित्र स्थान पर पहुंचकर गुरु नानक देव जी, गुरु गोबिंद सिंह जी और अन्य सिख गुरुओं का गुणगान किया।
पूरे प्रकाश उत्सव के दौरान संगतों के लिए लंगर की व्यवस्था भी की गई थी, जिसमें श्रद्धालुओं ने मिलकर प्रसाद ग्रहण किया। गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने इस तीन दिवसीय आयोजन के सुचारू संचालन के लिए विशेष प्रबंध किए थे ताकि संगतों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।