International Fair: अंतर्राष्ट्रीय श्री रेणुका मेले में जिला भाषा एवं संस्कृति विभाग, सिरमौर द्वारा बहुभाषी कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सिरमौर जिले के लगभग तीन दर्जन कवियों ने भाग लिया और अपनी अनूठी कविताओं से श्रोताओं का मन मोह लिया।
कवि सम्मेलन का शुभारंभ जिला भाषा अधिकारी सुश्री कांता नेगी ने किया, और कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि जय प्रकाश चौहान ने की। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ कवि डॉ. ईश्वर राही ने किया, जिन्होंने श्रोताओं को कार्यक्रम के हर पल से जोड़कर रखा।
कवि सम्मेलन की शुरुआत कवि सुरेन्द्र सूर्या की कविता “दू कदम बे गाड़ी बोसो दू जाणू” से हुई, जिसने सभी को भावविभोर कर दिया। इसके बाद अनंत आलोक ने अपनी कविता “अगर मेले में हो तुम तो मुझे अपना पता देना” प्रस्तुत की, जो लोगों के दिलों को छू गई। डॉ. ईश्वर दास राही ने अपने पहाड़ी गीत “मीणे जाणी मोशरो, शैली पोडी शीतो नीणी थी गुजरी तू शाउरे, तेरी कोरणो भाजी खीतो” से समां बांधा।
इसके अलावा आत्माराम भारद्वाज ने “हाथ जोड़कर बिनती करते। हमें बचाओ मोदी जी” कविता से समाज की दशा को उजागर किया। अंजना रतन ने “आखिर अब भी क्यूं?”, दीपराज विश्वास ने “कहीं कांटे कहीं पत्थर मिलेंगे मोहब्बत में कई मंजर मिलेंगे”, और शकुंतला चौहान ने “सिरमौर ओसो मारी शान” जैसी कविताओं से श्रोताओं का दिल जीता।
इस अवसर पर दीप चंद कौशल की “हे रेणुका तीर्थ की धरती शत शत तुझे प्रणाम…”, अंकुश चौहान की “सरकारों के औरजो मेरी, डेमो री डाग”, मीनाक्षी वर्मा की “ओ मेरी मन्नतों के धागे, ओ मेरी दुआओं में मांगें, ओ नशे के जहरीले पंजों से खुद को बचाना”, और शिव प्रकाश पथिक की “भक्ति और श्रद्धा” जैसी कविताओं को भी खूब सराहा गया।
शून्य विनोद की “मनुष्यों को संसाधन माना गया, धीरे-धीरे यह संसाधन मैनेजर बनता गया” और जय प्रकाश चौहान की “ऐ रे मेरेया पोहाड़ियां तू हार करेका लागा” जैसी कविताओं ने भी श्रोताओं को चिंतनशील कर दिया। कवि प्रेमपाल आर्य और उनकी पुत्री तमन्ना आर्या ने कन्या भूर्ण हत्या पर अपनी मार्मिक संवाद शैली में कविता प्रस्तुत की, जिससे लोगों को एक संदेश मिला।
कवि सम्मेलन का समापन अध्यक्ष जय प्रकाश चौहान की कविता के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने कोरोना काल के दौरान शहरों से गांव लौटने वाले लोगों की पीड़ा को व्यक्त किया। अंत में, डॉ. आई डी राही ने सभी कवियों और श्रोताओं को धन्यवाद दिया और कार्यक्रम का सफल समापन किया।
संस्कृति और साहित्य के संरक्षण का अद्वितीय प्रयास
रेणुका मेले का यह कवि सम्मेलन सिरमौर की सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण और भाषा प्रेमियों के लिए एक अनोखा प्रयास था। जिला भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की दर्शकों और साहित्यप्रेमियों ने प्रशंसा की।