Life Saving: हिमाचल प्रदेश सरकार ने दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए 116 दवा निर्माण कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनीराम शांडिल ने बताया कि औषधि नियंत्रण प्रशासन ने इन कंपनियों की निर्माण प्रक्रिया पर रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं। यह निर्णय जनवरी 2023 से अक्तूबर 2023 के बीच किए गए निरीक्षणों के आधार पर लिया गया, जहां इन कंपनियों की दवाएं गुणवत्ता मानकों पर खरी नहीं उतरीं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि इन निरीक्षणों में राज्य और केंद्रीय निरीक्षण अधिकारियों ने संयुक्त रूप से भाग लिया। इस दौरान जिन दवाओं को अवमानक पाया गया, उनके लाइसेंस निलंबित या रद्द किए जा रहे हैं, और निर्माण प्रक्रिया की समीक्षा के निर्देश जारी किए गए हैं।
हिमाचल को देश का फार्मास्युटिकल हब बताते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यहां देश की लगभग 33% दवाओं का निर्माण होता है। राष्ट्रीय औसत के मुकाबले प्रदेश में खराब गुणवत्ता की दवाओं का प्रतिशत काफी कम (1.22%) है। सरकार अवमानक दवाओं का डेटा सार्वजनिक कर रही है, ताकि लोग जागरूक हो सकें।
बैठक में नशीली दवाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए विशेष कदम उठाने पर भी चर्चा हुई। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बिना पर्ची दवाएं देने पर रोक लगाई जाएगी, और बच्चों में नशीली दवाओं की समस्या को रोकने के लिए जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा। बैठक में स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा देवी, राज्य ड्रग नियंत्रक मनीष कपूर, और अन्य अधिकारी शामिल हुए।