Manipur Violence: मणिपुर में जारी हिंसा के बीच नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने राज्य सरकार से समर्थन वापस लेने का ऐलान कर दिया है। पार्टी प्रमुख कोनराड संगमा ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखते हुए मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार को राज्य की मौजूदा स्थिति से निपटने में “असफल” बताया। उन्होंने कहा कि मणिपुर सरकार हिंसा और संकट के समाधान में नाकाम रही है, जिसके चलते NPP ने तत्काल प्रभाव से अपना समर्थन वापस लेने का निर्णय लिया है।
हिंसा और राजनीतिक संकट पर केंद्र की नजर
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। बैठक में मणिपुर की सुरक्षा स्थिति का आकलन किया गया। गृह मंत्रालय ने राज्य में शांति बनाए रखने और अफवाहों से बचने की अपील की।
इसके अलावा, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह ने भी मणिपुर का दौरा किया, जिससे स्थिति को स्थिर करने के लिए सुरक्षा बलों की सक्रियता सुनिश्चित की जा सके। गृह मंत्रालय ने कहा कि गंभीर मामलों की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपी गई है।
NPP का बयान: सरकार विफल
NPP ने अपने पत्र में कहा, “हमने महसूस किया कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के नेतृत्व में मणिपुर सरकार संकट का समाधान करने में पूरी तरह विफल रही है। पिछले कुछ दिनों में स्थिति और खराब हुई है, जिससे कई निर्दोष लोगों की जान चली गई।”
क्या है मौजूदा स्थिति?
मणिपुर में महीनों से जातीय और सांप्रदायिक तनाव जारी है। हिंसा के कारण हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं, और कई लोगों की जान चली गई है। राज्य में कानून-व्यवस्था बहाल करने के लिए केंद्र सरकार और सुरक्षा एजेंसियां सक्रिय हैं।
राजनीतिक उथल-पुथल
NPP के समर्थन वापसी के बाद मणिपुर की सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार के लिए राजनीतिक संकट खड़ा हो गया है। यह कदम राज्य की बिगड़ती स्थिति को लेकर सरकार की आलोचना को और तेज कर सकता है।