स्कूल प्रिंसीपल रेगुलर करने को नया फार्मूला, शिक्षा सचिव को डीपीसी के लिए अधिकृत कर सकती है सरकार
शिक्षा सचिव को डीपीसी के लिए अधिकृत कर सकती है सरकार; वेतन के एरियर का अभी पता नहीं, पर पेंशन में लाभ मिलेगा लाभ
डिजिटल सिरमौर
राज्य के सरकारी स्कूलों में प्लेसमेंट के जरिए बनाए गए प्रिंसीपल अब नए फार्मूले में रेगुलर हो सकते हैं। राज्य सरकार एक विकल्प पर काम कर रही है। यह विकल्प ऐसा है कि शिक्षा सचिव को ही डिपार्मेंटल प्रोमोशन कमेटी यानी डीपीसी करने का अधिकार दे दिया जाए। यही एकमात्र विकल्प है जिसके जरिए वर्ष 2017 से प्रोमोशन रेगुलर होने का इंतजार कर रहे शिक्षकों को राहत मिल पाएगी।
दरअसल कोर्ट में चल रहे एक मामले के कारण पूर्व जयराम सरकार के समय से ही स्कूल के प्रिंसीपलों को प्लेसमेंट के जरिए नियुक्त किया जा रहा है। वर्तमान सरकार के दौरान भी हुई प्रोमोशन इसी माध्यम से की गई। इस कारण वर्ष 2017 से स्कूलों में प्रिंसीपल लगाए गए शिक्षक इस पद पर रेगुलर नहीं हो पाए हैं, इसीलिए इस पद का वित्तीय लाभ भी इन्हें वेतन या पेंशन में नहीं मिला है। कोर्ट में केस खत्म हो चुके हैं और बहुत से प्रिंसीपल रिटायर भी हो चुके हैं। ये अब भी अपनी रेगुलराइजेशन का इंतजार कर रहे हैं।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में हुई शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में विभाग की ओर से बताया गया कि 2017 से लेकर अब तक डीपीसी की प्रक्रिया को वर्तमान फार्मूले पर करना संभव नहीं है। इसके लिए लोक सेवा आयोग को बीच में लेना पड़ता है और वहां कागजों की फॉर्मेलिटी बहुत है। इसके लिए यदि कैबिनेट शिक्षा सचिव को ही यह प्रोमोशन देने के लिए अधिकृत कर दे तो प्रक्रिया सरल हो जाएगी।
अब शिक्षा मंत्री ने इस विकल्प पर काम करने को कहा है। यह अभी तय नहीं है कि 14 सितंबर को होने वाली कैबिनेट में ही यह मामला लग जाएगा, लेकिन सहमति यही बन रही है कि यही फार्मूला इस प्रोमोशन को रेगुलर करने के लिए लगाया जाए। हालांकि प्रिंसीपल रेगुलर होने के बाद भी रिटायर हो चुके शिक्षकों को बढ़े हुए वेतन का एरियर मिलता है या नहीं, यह स्पष्ट नहीं है। सामान्य तौर पर वित्त विभाग इस तरह के फैसले पर सहमत नहीं होता, लेकिन प्रोमोशन रेगुलर होने के बाद इन्हें पेंशन में जरूर लाभ हो जाएगा।
प्रिंसीपल और लेक्चरर को प्रोमोशन जल्द
उच्च शिक्षा विभाग स्कूल प्रिंसीपल और स्कूल लेक्चरर न्यू के मामले में प्रोमोशन लिस्ट जल्दी निकाल सकता है। इन दोनों मामलों में प्रक्रिया चली हुई है। हालांकि विधानसभा का मानसून सत्र 18 सितंबर से आ रहा है और सरकारे सामान्य तौर पर विधानसभा सत्र के दौरान प्रोमोशन इत्यादि से बचती है क्योंकि एडजस्टमेंट के लिए टीचर शिमला का रुख कर लेते हैं, लेकिन अभी तक इस बारे में ऐसे कोई निर्देश नहीं हैं। समीक्षा बैठक में भी शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने दोनों विभागों को लंबित प्रोमोशन जल्दी करने के निर्देश दिए हैं।