केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का अहम फैसला लिया है। सरकार ने पेट्रोल पर 2 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर भी 2 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी है। हालांकि, सरकार का कहना है कि इस कदम से आम आदमी पर किसी प्रकार का अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा। एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने के महज आधे घंटे बाद ही यह स्पष्ट हो गया कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं होगी।

सरकार का कहना है कि पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी कच्चे तेल की घटती कीमतों के साथ एडजस्ट की जाएगी। इस बदलाव के बाद पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट जारी करते हुए बताया कि पीएसयू तेल विपणन कंपनियों ने सूचित किया है कि इस नई उत्पाद शुल्क वृद्धि के बावजूद पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कोई वृद्धि नहीं होगी।

इसके अलावा, सरकार ने घरेलू गैस सिलेंडर के दामों में 50 रुपये की बढ़ोतरी की घोषणा भी की है। इस संदर्भ में आदेश जारी कर दिया गया है, जिसमें पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 13 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस बारे में कहा कि अगर भविष्य में कच्चे तेल की कीमतों में और कमी आती है, तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में गिरावट भी देखी जा सकती है।
एक्साइज ड्यूटी एक प्रकार का अप्रत्यक्ष कर है, जिसे सरकार द्वारा निर्मित वस्तुओं पर लगाया जाता है। यह कर सामान्यत: उत्पादन या निर्माण के समय लागू होता है, न कि बिक्री के समय। इसका मतलब यह है कि यह कर उत्पादक या निर्माता द्वारा वहन किया जाता है, लेकिन अंततः इसे उपभोक्ता द्वारा वहन किया जाता है, क्योंकि यह वस्तु की कीमत में जोड़ दिया जाता है।
इस फैसले से साफ हो गया है कि सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों को स्थिर रखने के लिए एक्साइज ड्यूटी में वृद्धि की है, जबकि कच्चे तेल की गिरती कीमतों का लाभ उपभोक्ताओं को मिल सकेगा।