Road Accident: हिमाचल प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या एक गंभीर चिंता का विषय बन चुकी है। हालांकि राज्य सरकार और संबंधित विभाग सड़क सुरक्षा उपायों को लागू करने के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन इन प्रयासों के बावजूद हादसों की संख्या में कमी नहीं आई है। हिमाचल में सड़क हादसों की स्थिति हिमाचल प्रदेश में हर साल औसतन 1,041 लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवा रहे हैं, और 4,200 से अधिक लोग घायल हो रहे हैं। साल 2017 से 2023 तक के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में हर दिन औसतन 7 सड़क हादसे हो रहे हैं, और हर 8 घंटे में एक व्यक्ति की मौत हो रही है। 2023 में कुल 2,255 दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 869 लोगों की मौत और 3,209 लोग घायल हुए। हादसों के प्रमुख कारण सड़कें और ढलान:_ हिमाचल की पहाड़ी सड़कें संकरी और खड़ी ढलानों वाली होती हैं, जो दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण बनती हैं। अत्यधिक रफ्तार: कई बार चालक तेज रफ्तार में वाहन चलाते हैं, जिससे नियंत्रण खोने की संभावना बढ़ जाती है।
बारिश और बर्फबारी के दौरान सड़कें फिसलन भरी हो जाती हैं, जिससे हादसों का खतरा बढ़ जाता है। हालिया हादसे: कुल्लू (2024): सैंज घाटी में एक बस खाई में गिर गई, जिसमें 16 लोगों की मौत हो गई। शिमला (2024): सुन्नी में एक पिकअप ट्रक खाई में गिरने से जम्मू-कश्मीर के छह श्रमिकों की मौत हो गई। सोलन (2023): तेज रफ्तार कार ने नौ राहगीरों को कुचल दिया, जिसमें पांच की मौत हो गई। क्या किया जा रहा है? राज्य सरकार और संबंधित विभाग सड़क सुरक्षा उपायों को लागू करने के लिए प्रयासरत हैं, जैसे कि: सड़क सुधार कार्य: खराब सड़कों की मरम्मत और नए मार्गों का निर्माण। सड़क सुरक्षा अभियान: चालकों को यातायात नियमों के पालन के लिए जागरूक करना। सुरक्षा उपकरणों का वितरण: चालकों और यात्रियों को हेलमेट और सीट बेल्ट के उपयोग के लिए प्रेरित करना। हालांकि इन प्रयासों के बावजूद, सड़क हादसों की संख्या में कमी नहीं आई है, जो कि राज्य के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। यदि आप हिमाचल प्रदेश में यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो कृपया सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करें और सतर्क रहें। हिमाचल प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या काफी अधिक है। यहाँ स्थिति का विबेचन दिया गया है :- सड़क दुर्घटनाओं के आँकड़े:- 2022 में, राज्य ने सड़क दुर्घटनाओं की एक महत्वपूर्ण संख्या का सामना किया, जिसके परिणामस्वरूप हर दिन लगभग 7 दुर्घटनाएँ और 3 मौतें हुईं।- सड़क सुरक्षा विभाग के अनुसार, पिछले वर्षों के दुर्घटना डेटा में चिंता का एक प्रवृत्ति दिखाई दे रही है।- हाल के रुझान:- हालाँकि, एक सकारात्मक विकास हुआ है, सड़क दुर्घटनाएँ 2023 की तुलना में 2024 में 6.48% तक कम हो गई हैं, जिसमें कुल 2107 दुर्घटनाएँ दर्ज की गई हैं।
इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस हिमाचल प्रदेश में दुर्घटनाओं पर विस्तृत जानकारी प्रदान करता है, जिसमें 2024 के लिए डेटा भी शामिल है, जिसे जिलों और तिथियों के अनुसार वर्गीकृत किया गया है।- यह डेटाबेस डेटा प्रविष्टि और विश्लेषण की अनुमति देता है, जिससे अधिकारियों को सड़क दुर्घटनाओं को अधिक प्रभावी ढंग से ट्रैक और प्रतिक्रिया करने में मदद मिलती है।सुधार के लिए कुछ प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है : सड़क बुनियादी ढाँचा: सड़क की स्थिति में सुधार करना, विशेष रूप से दो-लेन की सड़कों पर, जो दुर्घटनाओं के लिए अधिक संवेदनशील हैं। दुर्घटना हॉटस्पॉट: दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करने के लिए दुर्घटना हॉटस्पॉट की पहचान और समाधान। – चालक शिक्षा: मानव त्रुटि के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को न्यूनतम करने के लिए चालकों को सुरक्षित ड्राइविंग प्रथाओं और सड़क सुरक्षा के बारे में शिक्षित करना। हिमाचल प्रदेश सरकार सड़क हादसों को कम करने के लिए कई प्रभावी कदम उठा रही है, जिनमें तकनीकी उन्नति, बुनियादी ढांचे में सुधार और जागरूकता अभियान शामिल हैं। इन पहलों का उद्देश्य सड़क सुरक्षा को बढ़ाना और दुर्घटनाओं में कमी लाना है। प्रमुख कदम: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित निगरानी प्रणाली: हिमाचल प्रदेश पुलिस ने शिमला, कांगड़ा और मंडी जिलों में 400 से अधिक AI-सक्षम कैमरे स्थापित किए हैं। ये कैमरे गति सीमा, सीट बेल्ट, हेलमेट पहनने और खतरनाक ओवरटेकिंग पर निगरानी रखते हैं। इसके अलावा, शिमला में एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जो इन कैमरों से प्राप्त डेटा का विश्लेषण करता है और त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करता है।
स्मार्ट ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली (ITMS): राज्यभर में 49 से अधिक ITMS स्थापित किए गए हैं, जो ट्रैफिक प्रवाह की निगरानी करते हैं और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करते हैं। इसके अलावा, 4G बॉडी कैमरे, लेजर स्पीड गन और POS मशीनों के माध्यम से 4.25 लाख से अधिक ई-चालान जारी किए गए हैं । सड़क सुरक्षा उपकरणों में निवेश: सरकार ने 150 करोड़ रुपये की राशि सड़क सुरक्षा उपकरणों और प्रणालियों पर खर्च करने की योजना बनाई है। इसमें 3,373 सुरक्षा उपकरणों की खरीद, पुलिस जिलों में अतिरिक्त वाहन और एक एकीकृत सड़क सुरक्षा प्रणाली की स्थापना शामिल है ।
हिमाचल प्रदेश रोड ट्रांसफॉर्मेशन प्रोजेक्ट: विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित इस परियोजना के तहत शिमला और नूरपुर जिलों में एकीकृत सड़क सुरक्षा प्रणाली स्थापित की जा रही है। इसमें ट्रैफिक नियंत्रण कक्ष, इंटेलिजेंट ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली, AI कैमरे और बचाव उपकरण शामिल हैं । सड़क सुरक्षा जागरूकता और सुधार: सरकार ने सड़क सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने के लिए LED डिस्प्ले बोर्ड स्थापित किए हैं, जो दुर्घटनाओं, शराब पीकर गाड़ी चलाने, ओवरस्पीडिंग और लाइसेंस निलंबन के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं । इन पहलों के परिणामस्वरूप, राज्य में सड़क दुर्घटनाओं में 6.48% की कमी आई है और दुर्घटनाओं में 14% की कमी आई है । अंत में केवल सही जागरूकता ही हमारे आने वाली पीढ़ी को सड़क दुर्घटनाओं से बचाव हेतु सक्षम हो पाएगी, व जिससे कि एक सुखी, समृद्ध प्रदेश का विकास संभव हो पाएगा ।