Sirmaur News: पांवटा साहिब के विधायक सुखराम चौधरी और मौजूदा सरकार पर उठ रहे सवाल हमारे लोकतंत्र की जड़ों को कमजोर करने वाले उन पहलुओं की ओर संकेत करते हैं, जहां जनप्रतिनिधि अपने दायित्वों से विमुख हो जाते हैं। लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका सत्ता को जवाबदेह बनाने की होती है, लेकिन जब विपक्ष स्वयं निष्क्रिय हो जाए, तो जनता की समस्याएं और गहरी हो जाती हैं।
विधायक सुखराम चौधरी की आलोचना इस बात पर केंद्रित है कि वे क्षेत्रीय समस्याओं को न तो सरकार तक प्रभावी ढंग से पहुंचा पाए, न ही उनका समाधान सुनिश्चित कर सके। दूसरी ओर, सरकार की निष्क्रियता इस बात की गवाही देती है कि राजनीतिक नेतृत्व क्षेत्रीय विकास और जनहित के मुद्दों को प्राथमिकता देने में असफल रहा है।
ऐसे समय में, जब जनता महंगाई, बेरोजगारी, और बुनियादी सुविधाओं की कमी जैसी गंभीर समस्याओं का सामना कर रही है, सरकार और विपक्ष दोनों का निष्क्रिय होना चिंताजनक है। यह न केवल लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को कमजोर करता है, बल्कि जनता के विश्वास को भी आघात पहुंचाता है।
इस स्थिति से उबरने के लिए जरूरी है कि जनप्रतिनिधि अपने दायित्वों को समझें और क्षेत्रीय विकास के लिए ठोस कदम उठाएं। सुखराम चौधरी को विपक्ष की भूमिका में सक्रियता दिखानी चाहिए, ताकि जनता की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाकर उनका समाधान सुनिश्चित किया जा सके।
जनता भी अब समझने लगी है कि उसके अधिकार और समस्याएं केवल चुनावी मुद्दे बनकर न रह जाएं। जनसरोकारों पर गंभीरता से ध्यान देने की आवश्यकता है। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो यह स्थिति न केवल स्थानीय नेतृत्व बल्कि लोकतंत्र की कार्यप्रणाली के लिए भी एक बड़ी विफलता साबित होगी।
राजनीति का मूल उद्देश्य जनहित की सेवा है, और यदि यह उद्देश्य भटकता है, तो इसे सुधारने का जिम्मा जनता और उनके चुने हुए प्रतिनिधियों का है। जनता का आक्रोश चेतावनी है कि अब केवल वादों से काम नहीं चलेगा, बल्कि ठोस नतीजों की अपेक्षा है।
उधर बारें में पांवटा साहिब के विधायक सुखराम चौधरी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की पूर्ण बहुमत की सरकार है और भाजपा उसे दो वर्ष का समय काम करने के लिए दे रही थी। भाजपा की टीम विपक्ष में अपनी भूमिका का निभाने का काम करेगी।