होली में इस पहलवान ने जीता दंगल, नगर परिषद ने इतनी राशि देकर किया सम्मानित
डिजिटल सिरमौर/पांवटा साहिब
ऐतिहासिक होली मेला हर वर्ष नगर परिषद पांवटा साहिब के द्वारा आयोजन किया गया। जिसमें नप ने विशाल दंगल का आयोजन किया। जिसमें देश-प्रदेश से कई पहलवानो ने में हिस्सा लिया। दिल्ली के प्रशांत पहलवान ने जीती होली मेला दंगल की माली माली के विजेता को 51 हजार और उपविजेता को 31 हजार रुपये इनामी राशि दी।
कार्यक्रम के मुख्यातिथि एसडीएम पांवटा साहिब गुंजीत सिंह चीमा ने पुरस्कार वितरित किए। हजारों लोगों ने दंगल के मुकाबलों का आनंद लिया। दंगल आयोजन के दौरान पुलिस जवान पूरी तरह मुस्तैद रहे। नगर परिषद होली मेला दंगल आयोजन समिति सदस्य बारू राम शर्मा व जीवन जोशी ने बताया कि इन कुश्ती के मुकाबलों में सैकड़ों पहलवानों ने भाग लिया।
फाइनल प्रशांत पहलवान को गुर्ज और 51 हजार राशि भेंट करते एसडीएम संवाद मुकाबला दिल्ली के प्रशांत पहलवान और चंडीगढ़ के आशीष के बीच हुआ। इसमें प्रशांत ने जीत दर्ज कर माली पर कब्जा जमा लिया। माली जीतने वाले पहलवान को 51 हजार रुपये का नकद इनाम दिया गया। वहीं दूसरे नंबर में रहने वाले पहलवान को 31 हजार रुपये का नकद इनाम दिया गया। प्रथम सेमीफाइनल मुकाबले में प्रशांत ने रोहित को हराया। दूसरे सेमीफाइनल मैच में चंडीगढ़ के आशीष ने जस्सा को हराया। इससे पहले नगर परिषद अध्यक्ष निर्मल कौर, उपाध्यक्ष ओपी कटारिया समेत पांवटा नगर परिषद के पार्षदों ने मुख्यातिथि व विशिष्ट अतिथि का स्वागत किया।
पांवटा साहिब होली मेला दंगल में सैकड़ों पहलवानों ने दिखाया दमखम मुख्यातिथि एसडीएम गुंजीत सिंह चीमा ने कहा कि कुश्ती भारत का प्राचीन पारंपरिक खेल रहा है। इसे बढ़ावा देने के लिए हर साल होली मेले में दंगल का आयोजन होता है इस अवसर पर नगर परिषद अध्यक्ष निर्मल कौर, उपाध्यक्ष ओपी कटारिया ने कहा कि इस मेले को शांतिपूर्ण तरीके से समापन करने पर पांवटा के एसडीएम गुंजित सिंह चीमा व अन्य सभी विभाग के साथ धन्यवाद किया। इस कुश्ती प्रतियोगिता में हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तराखंड हिमाचल के पहलवानों ने अपने- अपने दांव पेंच दिखाकर मौजूद दर्शकों का खूब मनोरंजन किया।
कुश्ती टीम ने अपनी शानदार प्रदर्शन के साथ अंतरराष्ट्रीय कुश्ती महाकुंभ में शीर्ष स्थान हासिल किया। टीम ने विभिन्न वर्गों में आगे बढ़त दर्ज करते हुए अपने नाम को सम्मानित किया। समर्थ उच्चाधिकारियों ने इस महाकुंभ को एक महत्वपूर्ण कदम बताया है जो भारतीय कुश्ती के लिए एक अनमोल अनुभव साबित हुआ है।