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हाब्बी मानसिंह कला केंद्र में हुआ आखे री खड़कन का प्रदर्शन

हाब्बी मानसिंह कला केंद्र में हुआ आखे री खड़कन का प्रदर्शन
आसरा संस्था ने जालग में  किया नाटक का मंचन
पवन तोमर/राजगढ़ 
आसरा संस्था के प्रभारी जोगेंद्र हाब्बी ने प्रेस को जारी बयान में बताया कि उप तहसील पझौता के जालग में स्थित हाब्बी मानसिंह कला केंद्र में गत दिवस संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सौजन्य से गुरु शिष्य परंपरा के अंतर्गत एक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रदर्शन का आयोजन किया गया जिसमें आखे री खड़कन नाटक का मंचन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ पद्मश्री विद्यानंद सरैक द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम का आगाज लोकवादन के साथ हुआ। लोक वाद्य यंत्रों पर  आसरा के लोक कलाकारों द्वारा नौगत की प्रस्तुति दी गई। उसके पश्चात नाटक का मंचन किया गया। मंचन पूरी तरह पहाड़ी पारंपरिक परिवेश में किया गया। कला केंद्र के मंच पर सेट लगाकर ग्रामीण परिवेश को दर्शाते प्रत्येक कलाकार ने अपने किरदार को बेहतरीन ढंग से निभाया और दर्शकों पर अमिट छाप छोड़ी। गुरु रविंद्र नाथ टैगोर की रचना आंख की किरकिरी को पद्मश्री विद्यानंद सरैक द्वारा करियाला शैली में रूपांतरित कर आखे री खड़कन नाटक लिखा गया।
आसरा संस्था द्वारा गुरु पद्मश्री विद्यानंद सरैक व जोगेंद्र हाब्बी के निर्देशन में उपरोक्त नाटक को गुरु शिष्य परंपरा के अंतर्गत प्रशिक्षण देकर तैयार किया गया। इस लोकनाट्य में दर्शाया गया है कि किस प्रकार एक युवक  स्त्री के प्रेम में पड़कर अपनी बूढ़ी मां को भी भुल जाता है और कुछ समय पश्चात अपनी स्त्री को छोड़कर अन्य स्त्री से प्रेम करता है।
इस लोकनाट्य में आज के युवाओं का स्त्री प्रेम में डूब कर माता-पिता को भूल जाना व अपमानित करना, अपनी पत्नी को छोड़कर अन्य स्त्री के साथ प्रेम करना तथा आज के कुछ युवाओं में चरित्रहीनता और परिवार के प्रति कर्तव्य विमुखता आदि बुराइयों पर प्रहार किया गया है।
प्रदर्शन के पश्चात मुख्य अतिथि पद्मश्री विद्यानंद सरैक ने अपने भाषण में कहा कि मैं प्रत्येक कलाकार के किरदार से बहुत प्रभावित हुआ हूं। नाटक के प्रदर्शन में प्रत्येक पात्र ने बड़ी मेहनत और लग्न से अपने किरदार का संजीदगी के साथ अभिनय किया है। मैं आसरा के सभी कलाकारों को नाटक के सफल मंचन के लिए बधाई देता हूं। लोकनाट्य के पात्रों में मुख्य भूमिका रामलाल, गोपाल, चमन, संदीप, सरोज, अनु, जोगेंद्र, सुनील, अमीचंद, ओम प्रकाश आदि कलाकारों सहित लगभग पच्चीस कलाकार शामिल हुए।
Bhim Singh
Bhim Singhhttps://digitalsirmaur.com
मैं डिजिटल सिरमौर मीडिया का संपादक एवं सस्थापक हूँ। मेरा मीडिया के क्षेत्र में विभिन्न संस्थानों में लगभग 10 सालों का अनुभव न्यूज़ लेखन और समाज के ज्वलंत मुद्दों को उठाने में है। राजनीति, अर्थशास्त्र, अंतरराष्ट्रीय संबंधों, समाजिक मुद्दों, या अन्य विशिष्ट क्षेत्रों में खबरे लिखना पसंद हैं और पाठकों को ताजातरीन घटनाओं और मुद्दों पर स्पष्ट, निष्पक्ष लिखना पसंद है।
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